न जानें क्यूं कभी ऐसा होता है ?? क्या चाहत से बढ़कर ये पैसा होता है ?? न जानें क्यूं कभी ऐसा होता है ?? क्या चाहत से बढ़कर ये पैसा होता है ??
तुम इश्क हो, तुम इश्क हो सहला सााँसोंं से जिला जाती हो। तुम इश्क हो, तुम इश्क हो सहला सााँसोंं से जिला जाती हो।
चलन। चलन।
पैसा...। पैसा...।
रुपया-रुपया देखो, कैसा रंग दिखलाता है... रुपया-रुपया देखो, कैसा रंग दिखलाता है...
इंसान हूँ पर धन रहित होने से, एक धुंधली सी पहचान हूँ। इंसान हूँ पर धन रहित होने से, एक धुंधली सी पहचान हूँ।